म्हारा गांम
हंम है देश वासी रिठाल गांम के , हरियाणॆ मै गांम सै म्हारा, रहते प्यार से।
चौगरदे के खेत घणें सैं, नहरी पाणी आता। ऊँचा मंदिर सङक चौगरदे, बङे स्कुल से नाता ।।
राम आले पै जोत लगै, धोक्या जाता देवता । पक्की सङक और बैंक सुविधा, बणैं सरपंच दो पंयाचतों के।।
नरवाल फौगाट पान्ने दो है, इनके अड्डे न्यारे । नरवाल कथूरा,फौगाट दादरी,बामण घणी दूर तै आरे ।।
चीङी तै दलाल, भौर तै नान्दल, जांगङा कलानौर तै आरे । सारी जात बसैं इसमें, ये रहते सारे मिल के।।
म्हारे गांम के लोगां की एके की रीत पुराणी है । कटठे होकै पूटठी तोङी, बम्बे की जीत पुराणी है ।।
दादा माङू राम नै गाङी जोङी, यहां की कला पुराणी है । अंग्रेजों से नही डरे थे, इसे किस्से दादा मुले सैनी के।।
म्हारे गांम के छोरां की एक याहे बात निराली है। बङो का सम्मान करें और मीठी उनकी वाणी है ।।
मोङ मै बदमाश पकङ दिये, पुलिश ने हिम्मत जाणी है। नशे पते का जिक्र नही वो पढते गोडी ढाल के।।
म्हारे गांम के बच्चे भी कुछ अजबो गजब निराले है। उमर छोटी और काम बङे.उन्नै ऊँचे सपने पाले है ।।
खेल खेल मैं बैंक लुटेरे सलाखों पिछे डाले है । बङे होवैगें देश कि खातिर, तिरंगे की महीमा गा के।।
म्हारे गांम की धरती पै हंम ऐसे फूल उगावैगें। करें देश का नाम जो रौशन जग मैं तिरंगा फहरावैंगे।।
हर क्षेत्र मैं आगै आकै, देश की शान बणावैंगे। मुश्किलों से नहीं डरैंगे, रहेंगे सीना तान के।।
हंम है देश वासी रिठाल गांम के । हरियाणॆ मै गांम सै म्हारा, रहते प्यार से।।
- राजेश कुमार जांगङा